सर्दियों में इन तरीकों से दूर करें पैरों का रूखापन

सर्दियों में इन तरीकों से दूर करें पैरों का रूखापन

अम्बुज यादव

सर्दियों में अधिकतर शरीर में रुखापन होता है, जिसकी वजह से कई बार गंभीर संक्रामक रोग भी हो जाते हैं। यह शरीर के सभी भागों में हो सकतेे हैं, लेकिन सर्दियों में रुखापन और संक्रमण का खतरा हमारे पैरों में ज्यादा रहता है। सर्दियों में पैरों की सुंदरता बरकरार रखना काफी चुनौतीपूर्ण लगता है, जिसके लिए लोग कई तरह की दवाईयां खाते हैं और पैरों में धूल-मिट्टी न लगे इसके लिए हमेशा मोजा पहने रहते हैं। इसके बावजूद पैरों में रूखापन और संक्रमण जैसी समस्या हो ही जाती है।

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ठंड में त्वजा का रूखा होना आम बात है। इसके कुछ दिन बाद त्वचा में जलन और खुजली होने लगती है। इसके बाद धीरे-धीरे वह संक्रमण में बदल जाता है जिस पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया और समय रहते दवा नहीं ली गई तो उससे त्वचा को ज्यादा खतरा हो सकता है। ऐसे में सबसे पहली जरूरी चीज है त्वचा को नम रखें। इसके लिए मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें। यदि मॉइश्चराइजर नहीं खरीद सकते तो नारियल तेल लगाएं, पर त्‍वचा नरम करने वाली कोई चीज लगाना जरूरी है।

गुनगुने पानी से करें स्नान
ठंड में लोग नहाना बंद कर देते हैं। नहाने से त्वचा को मिलने वाला मॉश्चराइजर भी बंद हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि नहाना बंद न करें। दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि न तो बहुत ठंडे पानी से नहाएं न ही बहुत गर्म पानी से। हमारे शरीर का तापमान 27 डिग्री के आसपास होता है, पानी का तापमान भी इसी के बराबर होना चाहिए। यानी गुनगुने पानी से ही नहाएं। कई बार ऐसा होता है कि ठंड के कारण अंगुलियां नीली पड़ जाती हैं। यदि हाथ-पैरों की अंगुलियां नीली पड़ने लगे तो पांच-पांच मिनट गुनगुने पानी में हाथ डालकर सिंकाई करें।

मोजे पहनें पर दो घंटे पैर खुले रखें
सर्दियों में ठंड से बचने के लिए जितना जरूरी है स्कार्फ, कैप, दास्तानें उतने ही जरूरी हैं मोजे पहनना। इसे पैरों में लगी क्रीम के साथ धूलमिट्टी भी नहीं चिपकेगी। कई बार ऐसा होता है कि लोगों को मोजे पहनने से पसीना आता है। ध्यान रखें कि  24 घंटे में 22 घंटे ही मोजे पहनें, दो घंटे के लिए पैर खुले रखें और हवा लगने दें। दरअसल पैरों में हवा लगना भी जरूरी है। दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि सर्दियों में कौन धोए, सोचकर लोग कई-कई दिन तक मोजे धोते नहीं। जरूरी है कि मोजे रोज धुले हुए ही पहनें।

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